जलनिगम की परियोजनाओं पर मंडरा रहा संकट, इंजीनियरों पर इस वजह से शुरू हुआ है एक्शन
कार्रवाई को लेकर सुर्खियों में आ चुके जलनिगम में इंजीनियरों का टोटा होता दिख रहा है। जिससे निगम की परियोजनाओं की प्रगति पर असर पड़ता दिख रहा है। पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के कार्यकाल में नियुक्त हुए इंजीनियरों को हटाया गया, अब सीवर लाइन बिछाने में बेपरवाह इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर संकट गहराता दिख रहा है।
प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों सपा कार्यकाल में नियुक्त इंजीनियरों को हटा दिया था। इनमें गोरखपुर में तैनात 30 से अधिक इंजीनियर और लिपिक भी हटा दिये गए हैं। इन इंजीनियरों को जिन प्रोजेक्ट में लगाया गया था, उनमें दूसरे इंजीनियरों को प्रभार देकर जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा था।
अब जलनिगम के एमडी ने देवरिया रोड पर निर्माणाधीन नाले और सीवर लाइन बिछाने में हुई गड़बड़ी को लेकर गोरखपुर के 30 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनमें से दो के खिलाफ चार्जशीट जारी होने की भी चर्चा है। प्रथम दृष्टया जिन 30 इंजीनियरों पर गाज गिर सकती है, उनमें से नौ सेवानिवृत हो चुके हैं। नगर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने देवरिया रोड पर बन रहे नाले की गलत की डिजाइन के साथ ही सीवर लाइन बिछाने में लापरवाही को लेकर एमडी से शिकायत की थी।
जिसके बाद वाराणसी के जलनिगम के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक जांच टीम भी गठित कर दी गई है। जलनिगम की सीवर लाइन बिछाने से लेकर पाइप लाइन डालने की कई परियोजनाएं चल रही हैं। बुधवार को कुछ इंजीनियरों ने मुख्य अभियंता से मुलाकात पर अपना पक्ष भी रखा। मुख्य अभियंता ओपी सिंह का कहना है कि फिलहाल कार्रवाई को लेकर कोई पत्र नहीं मिला है। इंजीनियरों को काम करने का निर्देश दिया गया है।